भारत को एक कठिन स्थिति में छोड़ दिया गया है, क्योंकि उन्हें यह टेस्ट जीतने की जरूरत है ताकि वे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में अपनी जगह बनाने की दौड़ में बने रहें। इस मैच को जीतने के बाद ही भारत को अपनी 12 वर्षों में पहली बार होने वाली घरेलू टेस्ट श्रृंखला हार से उबरने का मौका मिलेगा।
वर्तमान WTC चक्र में भारत के पास छह टेस्ट मैच बाकी हैं, जिनमें से उन्हें कम से कम चार मैच जीतने होंगे, यदि उन्हें WTC ट्रॉफी का एक और मौका पाना है। इसके लिए उन्हें वानखेड़े स्टेडियम में न्यूजीलैंड को हराना होगा, जो स्पिन और धीमी गेंदबाजी पर आधारित पिच पर एक कठिन परीक्षा साबित हो सकता है।
टर्नर पर स्पिन से चुनौती
पुणे में भारत के बल्लेबाजों ने धीमी गेंदबाजी और टर्नर पिच पर अपनी कमजोरी दिखाई, और अब भारत ने उसी पिच पर अपनी रणनीति तैयार की है, जहां गेंद पहले घंटे में समकोण पर घूम सकती है। इसके लिए टीम ने नेट प्रैक्टिस में 20 से अधिक धीमे गेंदबाजों को बुलाया और अपनी तकनीकी खामियों को सुधारने की कोशिश की। इस बार भारत ने टर्नर पिच पर अपने स्पिन गेंदबाजों को टेस्ट करने का मन बना लिया है।
वरिष्ठ खिलाड़ियों का दबाव
भारत के वरिष्ठ खिलाड़ी, जैसे कि कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन, और रवींद्र जडेजा, इस संकट का जवाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि वे किस तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। भारत के बल्लेबाजों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, कोहली का फुलटॉस चूकना और रोहित का बार-बार बोल्ड होना भारतीय क्रिकेट के लिए चिंता का विषय बना है।
भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण पल है, खासकर तब जब उनकी टीम युवा खिलाड़ियों के साथ बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। यशस्वी जयसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों को यह अवसर मिल सकता है कि वे टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बनाएं और इस मुश्किल समय में टीम को संभालें।
स्पिनरों का खेल
भारत के प्रमुख स्पिनर अश्विन और जडेजा, जो पहले घरेलू टेस्ट मैचों में लगातार प्रभावशाली रहे हैं, अब तक इस सीरीज में अपेक्षाकृत कम सफल रहे हैं। टीम प्रबंधन के फैसले के तहत, अक्षर पटेल को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि उनकी गेंदबाजी टर्निंग पिचों पर प्रभावी हो सकती है।
साथ ही, भारत ने जसप्रीत बुमराह को आराम देने का फैसला किया है, ताकि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। वानखेड़े स्टेडियम की पिच को ध्यान में रखते हुए, यह संभव है कि पिच पर शुरुआत में तेज गेंदबाजों को सहायता मिले, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, स्पिनरों के लिए पिच अनुकूल हो सकती है।
न्यूजीलैंड का दबाव
न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ अपनी तैयारी शानदार तरीके से की है और बेंगलुरु और पुणे में उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को गति और स्पिन दोनों के साथ परेशान किया है। खासकर मिशेल सेंटनर ने पुणे टेस्ट में भारत के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला। न्यूजीलैंड ने अब तक भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों के खिलाफ अपनी रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है।
भारत के लिए यह टेस्ट न केवल अपनी घरेलू प्रतिष्ठा को बचाने का सवाल है, बल्कि आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास होगा।
दोनों टीमों का चयन:
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, वाशिंगटन सुंदर।
न्यूजीलैंड: टॉम लैथम (कप्तान), डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन, मार्क चैपमैन, विल यंग, डेरिल मिशेल, ग्लेन फिलिप्स, माइकल ब्रेसवेल, मिशेल सेंटनर, रचिन रवींद्र, टॉम ब्लंडेल (विकेटकीपर), अजाज पटेल, मैट हेनरी, टिम साउथी, विलियम ओ'रूर्के, जैकब डफी।
मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे शुरू होगा।