झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर कड़ा हमला किया। मरांडी की यह प्रतिक्रिया ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई पर आई है, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड में बसाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने इस साजिश को राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद चिंताजनक करार दिया।
मरांडी ने कहा, "यह पहले भी कई बार कहा था कि घुसपैठियों को अवैध रूप से भारत में लाने वाला गैंग झारखंड में सक्रिय है। यह गैंग हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में काम करता है, जो बांग्लादेश से घुसपैठियों को लाकर उन्हें मदरसों में ठहराने, उनके लिए वोटर आईडी, आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाने का काम करता है।"
उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा कर रही है, और वर्तमान सरकार ने झारखंड को "बारूद के ढेर" पर ला खड़ा किया है। मरांडी ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में घुसपैठ के कारण झारखंड की मूल पहचान संकट में पड़ गई है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि "संथाल परगना, रांची, लोहरदगा, गुमला, चाईबासा और अन्य कई जिले घुसपैठियों के सुरक्षित क्षेत्र बन चुके हैं। कुछ समय पहले रांची में बांग्लादेशी युवतियों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने प्रारंभिक साक्ष्य जुटाए थे, फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।"
मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन ने "घुसपैठ के काले सच को छुपाने के लिए न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दायर किया," और सुप्रीम कोर्ट में घुसपैठ की जांच रोकने की कोशिश की।
आखिरकार, उन्होंने यह वादा किया कि जब झारखंड में भाजपा की सरकार बनेगी, तो "पिछले 10 से 15 सालों में बनाए गए फर्जी वोटर आईडी कार्ड की जांच की जाएगी और उन्हें रद्द किया जाएगा। भाजपा घुसपैठ जैसे देशविरोधी कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगी और घुसपैठियों को चुन-चुनकर राज्य से बाहर खदेड़ा जाएगा।"